| Char Dham Yatra in Hindi |

| Char Dham Yatra, towards Kedarnath, Day 19 |


ऊनीसवाँ दिन-केदारनाथ धाम की ओर

गंगोत्री के अदभूत सौदंर्य का दर्शन पाने के बाद किसी का भी मन इस स्थान को छोड़ने का नही है।माँ गंगा का प्रेम और प्रकृति का सौंदर्य स्वरूप यहाँ आने वाले हर श्रद्वालु के मन को सम्मोहित कर लेता है।प्रकृति का नशा ही ऐसा है।उसका प्रेम ही ऐसा है।माँ गंगा के सानिध्य मे जो प्रेम पाया और हर हर नाद करती गंगा सबके मन को मोह लेती है।आज सबका मन उदास हो रहा है।गंगोत्री से कही और जाने की ईच्छा नही हो रही।पर मन मे खुशी है कि अब केदारधाम का दर्शन प्राप्त होगा।गाड़ियों मे सामान रखने के बाद,गंगा माँ जय जय कार करने हम अपने अगले पड़ाव केदार की ओर निकल चले।गंगोत्री से केदार मार्ग पे जो भी स्थान हैं हम उनका दर्शन पायेंगे और उनका महत्व जानेगे।हर कोई मन ढेर सारी यादें भरकर हम आगे बढ़ते जा रहे हैं कोई उदास है तो गप्पे मार रहे हैं।प्रकृति के नजारों और भगीरथी के साथ साथ गाड़ियाँ घाटियों मे उतरने लगी जिन नजारों के साथ हम आगे बढ़े।उनको अलाविदा कहते हम आगे बढ़ रहे हैं।आज आखें भी नम हो रही थी,क्योंकि गंगा माँ प्यार याद आ रहा हैं।गंगा मात्र एक नदी ही नही है,वो शिव की जटाओं से निकलने वाली पवित्रता,धैर्य,और प्रेम का रूप हैं।वो नदी पानी के रूप में स्वयं प्रेम ,पापनाशिनी बन कर बह रही है।गंगा माँ शत शत नमन।जय बोलो गंगा माई की जय।।

| Char Dham Yatra – towards Kedarnath, Day 20 |


बीसवाँ दिन–केदारनाथ की ओर

कल हम गंगोत्री से केदार की ओर जाते समय टिहरी मे चन्द्रबदनी मंदिर पहुंचे।यहाँ महिमा का गुनगान करते हैं।

| Char Dham Yatra – towards Kedarnath, Day 21 |


इकीसवाँ दिन -केदारनाथ नाथ की ओर

चंद्रवदनी माँ के दर्शन के उपरांत कल हम बुढ़ाकेदार मंदिर पहुंचे।आलौकिक दिव्य मंदिरों का दर्शन से सभी का मन आंनदित हो चुका है।यमुनोत्री गंगोत्री के दर्शन पाने के बाद अब केदार की ओर बढ़ता ये सफर और ज्यादा सुंदर होता जा रहा है।ऊँचे पहाड़ नदियाँ और इनमें स्थापित ये दिव्य मदिरों का दर्शन ऐसा है।मानो जीवन घन्य हो गया।मन चाहता है ये पल कभी खत्म न हो।बस सबके साथ ये जीवन यात्रा कही न रुके।ये ही सोच और आंनद के साथ हम बुढाकेदार मंदिर आ पहुँचे।

| Char Dham Yatra – towards Kedarnath, Day 22 |


बाईसवाँ दिन–केदारनाथ की ओर

बूढ़ाकेदार दर्शन पाने के बाद अब हम अपनी आगे की यात्रा शुरू करते हैं। सबके दिलों खुशी की उमंग है। हमारा ये यात्रा मे मंदिरों के दर्शन और प्रकृति का आंनद ये दोनो मिलकर यात्रा को मंत्रमुग्ध करते हैं।कही भी यात्रा कर ली जाए अगर साथ अच्छा हो तो सब अच्छा होता है।सब लोग दर्शन पाकर खुश हैं हर एक कदम कुछ नया लेकर चल रहा है।भारत की भूमि आध्यात्मक की जननी है जहाँ के कण कण में भगवान का वास है नदियों को भी जहाँ माँ कहकर पुकारा जाता हैै।ऐसे सुंदर पावन घरती पर जन्म पाकर जीवन धन्य है।यात्रा आगे बढ़ती जा रही है।बुढ़ाकेदार के बाद हम आ पहुँचे देवप्रयाग ।।आईऐ देव प्रयाग के इतिहास को जानें ।

| Char Dham Yatra – towards Kedarnath, Day 23 |


तेईसवां दिन—केदारनाथ की ओर

कल हम देवप्रयाग दर्शन के लिए पहुँचे।आज इस देव स्थान की आगे की महिमा को शुरू करें।इसके साथ ही आज यहाँ स्नान भी करेंगे दो महान नदियों से मिलकर बने इस अमृत धारा मे पानी के पास बने घाट पर पूजा स्नान आदि किया जाता है।नदी का बहाब और पानी अधिक होने के कारण आप पानी मे नही उतर सकते।बस किनारे पर पानी लेकर स्नान कर तन मन को पवित्र किया जाता है। देवी देवाताओं ने जिस स्थान को अपना आवास चुना,वो स्थान आलौकिक ही होगा।वहाँ पहुंचकर आप नई ऊर्जा से भर जाते हैँ।ये स्थान मे बैठकर ध्यान और संकीर्तन का आंनद लेंगे।हर हर गौतमी गंगे काशी विश्वनाथ गंगे।।