निःशब्द हूँ, सवालों के उतर से॥॥॥॥बाबाजी॥
रास्ते में पड़े पत्थर से मैंने पूछा,
जीवन चाहते हो तो बोलो,
उगेगा एक दिन तुम्हारी कोख से भी जीवन,
लेकिन पत्थर इतना पत्थर हो चुका था ,
कि सुन पाया वो मेरी बात,
अगर ऐसा ही रहा तो वो रास्ते का पत्थर ही कहलाएगा॥
नकार दी फिर से उसने मेरी बात॥
फिर से मैंने पूछा पूछता ही रहा॥
लेकिन वो बोल ना पाया॥
और आज निशब्द हूँ मैं॥
क्योंकि आज तो प्रकृति बोल उठीं॥
चला जा आगे बढ़ जा,
पत्थरों के अंदर जीवन नहीं लहरा सकता॥
तू भी एक दिन पत्थर ना हो जाना कहीं,
ये सोच अब मेरे कदम आगे बढ़ गये,
पत्थर को अब जीवन इस प्रकृति से पाना होगा॥
मेरे अंदर सदैव लहराता रहेगा ये जीवन॥
Estoy en silencio - libre de palabras, al responder las preguntas... Babaji.
Le pregunté a la piedra que yacía en el camino,
si deseas la vida, dime
un día la vida también brotará desde tu vientre,
pero la piedra se había vuelto tan piedra,
acaso podía oírme,
Si permanece así, solo piedra del camino será llamada.
Volvió a ignorar lo que le decía.
Otra vez pregunté la pregunta de nuevo.
Pero no pudo hablar
y hoy me he quedado sin palabras
Porque hoy la naturaleza ha hablado.
ve, ve, adelante
La vida no puede fluir dentro de las piedras.
Tú tampoco te conviertas en piedra un día,
piensa esto ahora, mis pasos siguen avanzando,
la piedra ahora tendrá que conseguir vida de esta naturaleza.
Siempre dentro de mí la vida seguirá fluyendo.
दिल बड़ा हो तो दोस्त बनते हैं! और अक़्ल बड़ी हो तो दुश्मन॥ इसलिए प्रेम में जिओ सोच में नहीं॥ बाबाजी॥
इंसानों की अब ज़रूरत नही रही,
यहाँ अब हर आदमी अपने मोबाइल से बातें करता है॥ ????????॥????????????????
मिट्टी से भी यारी रख,
दिल से दिलदारी रख॥
चोट ना पहुँचे बातों से,
इतनी समझदारी रख॥
पहचान हो तेरी हटकर,
भीड़ में कलाकारी रख॥
पलभर से जोश जवानी का,
बुढ़ापे की भी तैयारी रख॥
दिल सबसे मिलता नही,
फिर भी ज़ुबान प्यारी रख॥॥बाबाजी॥
तेरे गिरने में,तेरी हार नहीं,
तू आदमी है, अवतार नहीं!
गिर,उठ,चल,दौड़,फिर भाग,
!!क्योंकि!!
जीत संक्षिप्त है,इसका कोई सार नहीं॥
वक्त तो रेत है,
फिसलता ही जाएगा!
जीवन एक कारवाँ हैं,
चलता चला जाएगा!
मिलेंगे कुछ ख़ास,
इस रिश्ते के दरमियाँ,
थाम लेना उन्हें वरना!
कोई लौट कर ना आएगा॥॥जय विश्व॥भोलेबाबा॥