अगर आपके मन में किसी बीमारी का थोड़ा सा भी डर है,तो आपका दिमाग़ आपके शरीर में उस बीमारी का लक्षण पैदा कर देगा ,क्यूँकि हमारा दिमाग़ इतना शक्तिशाली है,की वह बीमारी पैदा भी कर सकता है, और बीमारी का इलाज भी कर सकता है। एक वक्त आएगा जब ये सब इंटरनेट भी बंद हो जाएगा कुछ वक्त के लिए, कुछ वक्त के लिए इंसान की बनाई गई विज्ञान के उपकरण जो खुले आसमान में घूमते हैं,जिसके कारण इंटरनेट अपना साथ कुछ टाइम के लिए छोड़ देगा, तब क्या हालत पैदा होंगे जिसकी तुम कल्पना भी नही कर सकते,तब भी तुम्हारे हाथ में केवल प्रार्थना होगी. और प्रार्थना से सब ठीक भी होगा,इसलिए सत्य को चुनो,भागो मत!!क्यूँकि ये दुनिया भी कुछ वक्त के लिए थम जाएगी,जिस इंटरनेट के कारण आज बहुत कुछ अच्छा भी हुआ , और बहुत कुछ ख़राब भी हुआ,तब हमारा मिलना भी मन से मन तक का होगा, तब तुम अपनी प्रार्थना बंद मत करना में हमेशा से रक्षा करता आया हूँ,और आगे भी करूँगा! बस कुछ लोग होंगे जो उस वक्त मेरे साथ रहेंगे! वो वही होंगे जिन्होंने भागना बंद कर दिया है!! जो बस अब रुक कर जिनकी जिनकी प्राणशक्ति केवल ख़ुद पर लग गई है , उनको मै उस वक्त अपने साथ ही रखूँगा??? जय विश्व!! बाबाजी
Those notions we have about the other , they are assumptions of our ignorance. Else , who is the other ? We alone preside in many forms ; we alone are the travellers of many journeys ; we alone are - in many reflections. Jai Vishwa!! BABAJI!!
वह जो दूसरे का ख़्याल है, वह हमारे अज्ञान की ही धारणा है ! अन्यथा कौन है दूसरा !! हम ही हैं बहुत रूपों में, हम ही हैं बहुत यात्राओं पर,हम ही हैं बहुत दर्पणो में !!! जय विश्व !! बाबाजी
अब किताबों के दिन गये अब आत्मा की किताब खोलने का समय क़रीब आ गया है!! बाबाजी!